भोपाल: छोला मंदिर थाना इलाके से ऑटो ड्राइवर संदीप प्रजापति का एक लाख रुपये की फिरौती के लिए अपहरण कर उसकी हत्या करने के मामले की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। वारदात के बाद से फरार चल रहे दुर्दांत अपराधी अवकेश उर्फ विकास जायसवाल को पुलिस ने कर्नाटक से लगातार तीन दिन तक पीछा करते हुए हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। पूछताछ में पता चला कि मूलत: कोरबा का रहने वाला विकास फरारी काटने इंदौर पहुंचा था। इंदौर में किसी अवकेश की आईडी का इस्तेमाल कर वह खुद अवकेश बन गया था। इसी नाम से उसने इंदौर में आधार कार्ड बनवाया। फिर उस आधार कार्ड से ड्राइविंग लाइसेंस बनवाकर वह ट्रक ड्राइवर बन गया।

कई महिलाओं के साथ लिव इन में रहा
इंदौर में एक अपराध करने के बाद उसने भोपाल में अपना ठिकाना बना लिया था। उसने कई राज्यों में न सिर्फ अपराध किए, बल्कि पांच-छह महिलाओं के साथ लिव इन में भी रहा। पुलिस ने पूछताछ के लिए उसे 12 दिन के रिमांड पर लिया है। पुलिस उपायुक्त जोन-चार, जितेंद्र सिंह पवार ने बताया कि राजधानी के शंकर नगर निवासी 22 वर्षीय संदीप पुत्र परमसिंह प्रजापति दो दिसंबर 2024 को आटो सहित लापता हो गया था। तीन दिसंबर को संदीप की बहन के पास संदीप के दोस्त अवकेश जायसवाल का फोन आया।

एक लाख रुपये की फिरौती मांगी
उसने संदीप की सलामती के लिए पेटीएम के माध्यम से एक लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। इस मामले में पुलिस अपहरण का प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच कर रही थी। इस दौरान सात दिसंबर को देलावाड़ी के जंगल में संदीप का सिर कुचला हुआ शव बरामद हुआ। अपहरण और हत्या के मामले में साक्ष्य जुटाने के दौरान पता चला कि वारदात को अवकेश ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर अंजाम दिया था। उसके बाद इस मामले में बेगूसराय बिहार निवासी 19 वर्षीय उत्कर्ष को बिहार से गिरफ्तार कर लिया गया था।

पांढुर्ना में मिला था संदीप का ऑटो
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त मलकीत सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि संदीप का ऑटो रिक्शा पांढुर्ना में लावारिस हालत में बरामद हुआ था। पता चला था कि वहां से तीनों आरोपित बस से नागपुर पहुंचने के बाद अलग-अलग जगह चले गए थे। वहीं, पुलिस भी उनका लगातार पीछा कर रही थी।

इस बीच अवकेश के कर्नाटक में ट्रक चलाने की पिछले दिनों पुलिस को जानकारी मिली। पुलिस की टीम लोकेशन के आधार पर उसके पीछे लगी रही। लगातार तीन दिनों तक पीछा करने के बाद उसे हैदराबाद से दबोच लिया गया। पूछताछ में पता चला कि वह ग्राम जटगा बोदापारा थाना कटघौरा जिला कोरबा छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। उसका असली नाम विकास जायसवाल है। शादी के बाद उसके दो बच्चे भी हुए थे। कोरबा में पहला अपराध करने के बाद वह पत्नी, बच्चों को छोड़कर गायब हो गया था। इंदौर में उसने अवकेश के नाम से फर्जी आधार कार्ड और ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लिया था। उसके खिलाफ असम, हैदराबाद, इंदौर में भी अपराध दर्ज हैं। इस मामले में फरार आदर्श चौधरी की तलाश की जा रही है।