अब नहीं अटका सकेंगे फाइल सरकारी बाबू, कार्यालयों में न्यू E-office system लागू, बाबूगिरी दिखाइ तो होगी कार्यवाही

भोपाल: सरकारी दफ्तरों में पारदर्शिता बढ़ाने और कामकाज को डिजिटल बनाने के उद्देश्य से ई-ऑफिस प्रणाली लागू की जा रही है। इसके तहत अब अफसरों को एक क्लिक पर पता चल जाएगा कि फाइल कहां और क्यों अटकी है। पन्ना के संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के सभी विभागों में इस आधुनिक प्रणाली को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है।
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन में लागू हुआ पहला चरण
संयुक्त कलेक्ट्रेट भवन के सभी सरकारी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली का पहला चरण शुरू कर दिया गया है। इस प्रणाली के सफल संचालन के लिए ई-दक्ष केंद्र में अफसरों और कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण 4 मार्च से शुरू किया गया है, जिसमें सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे और दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक कर्मचारियों को विभागवार प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अब बाबू फाइलों को अटका नहीं पाएंगे
ई-ऑफिस लागू होने के बाद दफ्तरों में फाइलों की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकेगा। अफसरों को तुरंत जानकारी मिल जाएगी कि फाइल कब तैयार हुई, किस अफसर के पास गई और कहां अटकी है। इससे कर्मचारियों की जवाबदेही तय होगी और लिपिकीय कार्यों के कारण फाइलों को लंबित रखने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी।
कागजी फाइलों से मुक्ति
ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से सरकारी विभागों में फाइलों का ढेर खत्म हो जाएगा। अब दस्तावेज डिजिटल फॉर्म में स्टोर किए जाएंगे, जिससे रिकॉर्ड हमेशा सुरक्षित रहेगा। इससे फाइल खोने या चोरी होने की समस्या से भी निजात मिलेगी।
पहले चरण में इन विभागों के कर्मचारियों को मिल रही ट्रेनिंग
ई-ऑफिस ट्रेनिंग के पहले चरण में कलेक्टर कार्यालय अधीक्षक, भू-अर्जन, निर्वाचन, वित्त, शिकायत, आवक, नकल, नजूल, रीडर एवं स्टेशनरी शाखा, लाइसेंस, धर्मार्थ, राहत, स्थापना, सामान्य शासकीय अधिवक्ता, स्वागत, विधि, नजारत, जावक एवं रीडर शाखा तथा रीडर फौजदारी न्यायालय के कर्मचारियों को शामिल किया गया है।
सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ेगी
इस प्रणाली के लागू होने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता आएगी। अधिकारी जब चाहें किसी भी मामले की पूरी जानकारी अपने कंप्यूटर पर देख सकेंगे। इससे आम जनता को भी लाभ होगा, क्योंकि अब उन्हें फाइलों के अटकने या देरी होने की समस्या से मुक्ति मिलेगी। ई-ऑफिस प्रणाली के इस महत्वपूर्ण कदम से पन्ना के सरकारी दफ्तरों में प्रशासनिक दक्षता और जवाबदेही में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।