बिलासपुर: सिरगिट्टी मुख्य मार्ग पर स्थित शराब भट्टी के मामले में शुक्रवार को हुई सुनवाई में नगर निगम बिलासपुर के कमिश्नर ने शपथ पत्र प्रस्तुत किया। हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि इस स्थान की नियमित निगरानी की जाए और होली के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न न हो। साथ ही अगली सुनवाई की तिथि 2 अप्रैल तय की है। सिरगिट्टी-तारबाहर क्षेत्र में स्थित यह शराब भट्टी शासकीय नियमों का उल्लंघन कर संचालित की जा रही है। यह दुकान अंडर ब्रिज के पास स्थित है, जहां शाम के समय शराबियों का जमावड़ा रहता है, जिससे स्थानीय निवासियों और महिलाओं को परेशानी होती है।

सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है

नागरिकों द्वारा इस भट्टी को हटाने की मांग को लेकर कई बार ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। शराबियों की गतिविधियों से सड़क पर जाम की स्थिति बनी रहती है। कोर्ट ने पूर्व में आबकारी विभाग को इस शराब भट्टी को अन्यत्र शिफ्ट करने के निर्देश दिए थे।

अगली सुनवाई 2 अप्रैल को

शुक्रवार की सुनवाई में चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट अभी भी मामले की निगरानी करता रहेगा। प्रशासन और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी हालत में यातायात बाधित न हो। साथ ही नगर निगम के अधिकारियों को भी नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 अप्रैल को होगी।

जनहित याचिका के रूप में दर्ज

हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से संज्ञान लेकर मामले को जनहित याचिका के रूप में दर्ज किया था। प्राथमिक सुनवाई में कोर्ट ने पाया था कि यह शराब भट्टी न केवल अंडर ब्रिज के पास है, बल्कि मंदिर और रिहायशी इलाकों के भी करीब है, जो सरकारी नियमों का उल्लंघन है। पिछली सुनवाई में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने नगर निगम कमिश्नर को हर शाम मौके का निरीक्षण करने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए पूछा था कि क्या सरकार का एकमात्र उद्देश्य राजस्व अर्जित करना है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में हुई सुनवाई में नगर निगम कमिश्नर का हलफनामा अधिवक्ता आशीष तिवारी ने पेश किया। इसमें निगम द्वारा किए जा रहे लगातार निरीक्षण और सफाई कार्य का जिक्र किया गया, जिससे हाईकोर्ट संतुष्ट नजर आया।