आम चुनाव से पहले मुसलमानों के बीच व्यापक पैठ बनाने की तैयारी में भाजपा
लखनऊ । लोकसभा के आगामी चुनाव के मद्देनजर मुसलमानों के बीच व्यापक पैठ बनाने की तैयारी में लगी सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रेडियो कार्यक्रम मन की बात में किए गए संबोधनों के संकलन को उर्दू किताब की शक्ल देकर उत्तर प्रदेश के मदरसों, उलमा और अन्य इस्लामी विद्वानों के बीच तोहफे के तौर पर बांटने की तैयारी कर रही है। यूपी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने पीएम के रेडियो कार्यक्रम मन की बात की वर्ष 2022 की 12 कड़ियों का संकलन कर उनका उर्दू में अनुवाद कराया है। इस किताब में दारुल उलूम देवबंद और नदवतुल उलमा जैसे विश्वविख्यात इस्लामी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों के शुभकामना संदेश भी शामिल करने की तैयारी है।
अली ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के मन की बात कार्यक्रम की 12 कड़ियों का उर्दू में अनुवाद कराकर उस एक किताब के तौर पर प्रकाशित करने की तैयारी है। जनवरी 2022 से दिसंबर 2022 तक की कड़ियों को इसमें शामिल किया है। उन्होंने इसमें संकलनकर्ता की भूमिका निभाई है, जबकि ताबिश फरीद ने इसका अनुवाद किया है। उन्होंने बताया कि अभी यह किताब तैयार हो रही है। उर्दू में अनुवाद किया जा चुका है और उम्मीद है कि रमजान के दौरान किताब को तैयार कर छपवा दिया जाएगा। अली ने बताया कि किताब में जाने-माने उलमा के संदेशों को भी एकत्र कर प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दारुल उलूम देवबंद और नदवतुल उलमा जैसे विश्वविख्यात इस्लामी शिक्षण संस्थानों के प्रमुखों, इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के रहनुमा मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली और प्रमुख शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद सहित कई मशहूर मुस्लिम विद्वानों से शुभकामना संदेश के लिए संपर्क किया जाएगा।
अली ने बताया कि किताब की एक लाख प्रतियां छापी जाएगी। यह किताब बिक्री के लिए उपलब्ध नहीं होगी, बल्कि किताब को उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में तोहफे के तौर पर बांटा जाएगा। प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्र के प्रमुख मदरसों, इस्लामी विद्वानों, उर्दू शिक्षकों तथा उलमा तक इस किताब को उपहार के तौर पर पहुंचाएंगे। इस किताब को एक लाख लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि किताब को प्रकाशित कर मुफ्त में वितरित कराने का मकसद प्रधानमंत्री की विचारधारा को मुस्लिम समाज के बीच व्यापक रूप से फैलाना है। कई बार ऐसा होता है कि मुस्लिम समाज के लोग प्रधानमंत्री के मन की बात नहीं सुन पाते हैं, जबकि उसमें हमेशा समाज की भलाई के लिए कोई गहरा संदेश छुपा होता है। अली ने बताया कि प्रधानमंत्री रेडियो कार्यक्रम मन की बात में अक्सर सरकार की विभिन्न योजनाओं और क्रियाकलापों के जिक्र के साथ-साथ सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान करने वाले अनजान लोगो के बारे में बताते हैं।
उन्होंने कहा कि इस किताब को छापने का मकसद यह है कि मुस्लिम समाज भी प्रधानमंत्री के संदेशों से लाभान्वित हो। उसे मोदी के विचारों से प्रेरणा मिले और वह समाज के लिए और अच्छा काम कर सके। अली ने कहा, मुझे लगता है कि जो लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात कार्यक्रम को नहीं सुनते हैं, उन तक प्रधानमंत्री की बात को पहुंचाने का यह किताब एक अच्छा जरिया बनेगी। गौरतलब है कि भाजपा पसमांदा मुसलमानों को जोड़ने के लिए सम्मेलनों के आयोजन के बाद आगामी अप्रैल माह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुस्लिम बहुल लोकसभा क्षेत्रों में स्नेह मिलन -एक देश, एक डीएनए सम्मेलनों की तैयारी कर रही है।