बच्चे की तुलना न करें
अभिभावक होना जितना सुखद होता है, उतना ही मुश्किल भी। अपने बच्चों को कौन सी बात किस तरह समझाना है, इसको लेकर अकसर आप उलझन में पड़ जाते होंगे। कई बार आप अपने बच्चों को प्यार से समझाते हैं, तो कई बार उन्हें डांट देते हैं। कई बार आप उन्हें अपना ही उदाहरण दोते हैं, लेकिन आपकी बातों का बच्चे पर क्या असर पड़ता है, इसका अंदाजा आप नहीं लगा पाते हैं। इसलिए आपको इन बातों को बच्चों से कहने से बचना चाहिए।
आप बच्चे की तुलना अपने आप से न करें। आप भी जब छोटे थे तो आपमें कई कमियां रही होंगी। उसे अपने बचपन का मजा लेने दें, उसे 'परफेक्ट चाइल्ड' बनाने की जरूरत नहीं है।
अपने फैसले खुद लेने से ही बच्चा आगे बढ़ेगा। अगर उसके फैसले गलत साबित होते हैं, तो उससे वह सीखेगा और आगे सही निर्णय लेगा। गलत फैसला लेने के लिए आपकी डांट उसे डराने और आत्मविश्वास कम करने के अलावा कुछ नहीं कर सकती है।
इस तुलना की कोई जरूरत नहीं है। हर बच्चे का विकास अलग-अगल तरीके से होता है। वे अपने अलग-अलग अनुभवों से सीखते हैं। कहीं ऐसा न हो कि हर बात पर बेवजह की तुलना बच्चों में आपस में मतभेद पैदा कर दें।
बेशक आपके पास कई जिम्मेदारियां हैं, जिनसे कभी-कभी आप परेशान हो जाते होंगे और अकेला रहना चाहते होंगे लेकिन आपका बच्चा आपकी परेशानियों से बिल्कुल अनजान है। ऐसे में उससे ऐसा कहना उसके मन पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है।ऐसा कहना बच्चे तो क्या किसी बड़े को भी काफी आहत कर सकता है। ऐसे में बच्चों से ऐसा कहना बिल्कुल ठीक नहीं है।