येरुशलम । इजरायल के 1 अक्टूबर को किए गए हवाई हमले का बदला लेने की ईरान द्वारा कसम खाने के बाद नेतन्याहू का सुरक्षा घेरा और मजबूत किया गया है। ईरान की खुली धमकी के बाद इजरायल सतर्क है। सैन्य और गोला-बारूद के मामले में इजरायल भले ही ईरान से आगे हो, लेकिन ईरान कब और कहां हमला करेगा, इसे लेकर इजरायल में असमंजस की स्थिति बनी हुई है, खासकर बेंजामिन नेतन्याहू और इजरायली मंत्रियों की सुरक्षा को लेकर। क्योंकि हाल ही में नेतन्याहू के घर पर ड्रोन अटैक हुआ था। हमले में नेतन्याहू के बेडरूम को निशाना बनाया गया था। ऐसे में इजरायल ने नेतन्याहू की सुरक्षा को लेकर खास कदम उठाए हैं। इजरायली सूत्रों ने बताया कि ईरान कब, कहां और कैसे हमला करेगा, इसे लेकर शीर्ष स्तर पर चिंता बनी हुई है। इसलिए नेतन्याहू और इजरायली मंत्रियों की सुरक्षा को लेकर खास कदम उठाए गए हैं। मंत्रिस्तरीय सलाहकारों को कैबिनेट बैठक में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह कदम आज से अगले आदेश तक प्रभावी होगा। रिपोर्ट में इसके पीछे सुरक्षा चिंताओं का हवाला दिया गया है। सोमवार को ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एस्माईल बाघेई ने कहा कि तेहरान, ईरान में सैन्य ठिकानों पर सप्ताहांत में इजरायल के हमलों का जवाब देने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा। बाघेई ने कहा, ईरान जायोनी शासन को एक निश्चित और प्रभावी जवाब देने के लिए सभी उपलब्ध साधनों का उपयोग करेगा। बाघेई ने इस बारे में नहीं बताया कि हमला कैसे, कब और कहां किया जाएगा।


कैबिनेट बैठक का स्थान बदला, कहां होगी खुलास नहीं
मंत्रियों को सोमवार सुबह एक संदेश प्राप्त हुआ, जिसमें उन्हें बताया गया कि कैबिनेट बैठक का स्थान बदल दिया गया है और नए स्थल पर सिर्फ मंत्रियों को आने की अनुमति होगी, न कि उनके सलाहकारों को। संदेश में कैबिनेट मीटिंग कहां होगी, इसका भी खुलासा नहीं किया गया है। ऐसा बताया जा रहा है कि मीटिंग से थोड़ा पहले ही स्थान कंफर्म किया जाएगा। हालांकि, यह साफ किया गया कि मीटिंग अंडरग्राउंड बंकरों में आयोजित नहीं होगी। यह वह अंडरग्राउंड बंकर है, जहां कुछ दिन पहले ईरानी हमले के डर से नेतन्याहू और उनकी कैबिनेट ने शरण ली थी। इसके अलावा मीटिंग में आने वाले मंत्रियों की चेकिंग की जाएगी। उन्हें अपने साथ हथियार रखने की अनुमति नहीं है। वाईनेट का कहना है कि सुरक्षा खतरों के बावजूद यह बैठक यरूशलम के बाहर नवनिर्मित भूमिगत बंकर में नहीं हो रही है। बताया जा रहा है कि यरूशलम में प्रधानमंत्री कार्यालय या तेल अवीव में आईडीएफ मुख्यालय में कैबिनेट बैठक आयोजित न करने का निर्णय कथित तौर पर इस महीने की शुरुआत में प्रधानमंत्री नेतन्याहू के निजी आवास पर हिजबुल्लाह के ड्रोन हमले के बाद लिया गया है।