ओम पर्वत : ईश्वर का चमत्कार
पिथौरागढ़| हिन्दू धर्म ग्रंथों के अनुसार ब्रह्मांड का सृजन और उसके विनाश का जिम्मा संभालने वाले भगवान शिव कैलाश पर्वत पर अपने परिवार के साथ निवास करते हैं। भगवान शिव को सबसे बड़ा तपस्वी और भोला माना जाता है। उनके भक्तों की गिनती भी नहीं की जा सकती, हिंदू मान्यताओं और पुराणों के अनुसार भगवान शिव हिमालय के कैलाश मानसरोवर पर वास करते हैं। माना जाता है कि विश्व में तीन कैलाश पर्वत हैं, पहला कैलाश मानसरोवर जो की तिब्बत में है, दूसरा आदि कैलाश जे की उत्तरांचल में है और तीसरा है किन्नौर कैलाश जो की हिमाचल प्रदेश में है।
जहां तिब्बत, नेपाल और भारत की सीमाएं मिलती हैं, वहीं ओम पर्वत स्थापित है। इस पर्वत से अनेक पौराणिक कहानियां जुड़ी हैं, हैरानी की बात यह है कि यह मानव निर्मित आकृति नहीं है, बल्कि यहां प्राकृतिक तौर पर अलग-अलग तरीके से '' की 8 आकृतियां बनती हैं। यह पर्वत एक ऐसा रहस्य है, जो ईश्वर का चमत्कार कहलाता है। इस चमत्कार को देखकर कोई नास्तिक भी भगवान के इस पर्वत के चमत्कार के आगे नतमस्तक हो जाएगा और साथ ही आपके मस्तिष्क से बहुत से भ्रम भी दूर होंगे।
हिमालय में ओम पर्वत का एक विशेष स्थान है। माना जाता है कि इस जगह भी भगवान शिव का अस्तित्व रहा होगा। यह पर्वत भारत और तिब्बत की सीमा पर आज भी मौजूद है, जिस पर हर साल बर्फ से ओम की आकृति बनती है।
चलिए जानते हैं ओम पर्वत से जुड़ी कुछ अद्भुत बातें :
छोटा कैलाश : ओम पर्वत को आदि कैलाश या छोटा कैलाश भी कहा जाता है।
पर्वत की ऊंचाई : ओम पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 6,191 मीटर (20,312 फीट) है।
कुल 8 जगह बनते हैं ओम : हिंदू मान्यताओं के अनुसार, हिमालय में कुल 8 जगह ओम की आकृति बनती है, लेकिन अभी तक सिर्फ इसी स्थान की खोज हुई है।
प्राकृतिक रूप से बनता है ओम : इस पर्वत पर बर्फ गिरने से प्राकृतिक रूप से ओम की ध्वनि उत्पन्न होती है।