साइना नेहवाल को लक्ष्य और सिंधू से फाइनल में पहुंचे की उम्मीद..
ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन का अंतिम बार खिताब पुलेला गोपीचंद ने 2001 में जीता था। तब से कोई भी भारतीय शटलर इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट को नहीं जीत पाया है। हालांकि पिछली बार लक्ष्य सेन ने और 2015 में साइना नेहवाल ने यहां फाइनल में जरूर पहुंचे, लेकिन अंतिम बाधा पार नहीं कर सके। मंगलवार से शुरू हो रहे इस टूर्नामेंट में खिताब का सूखा खत्म करने की जिम्मेदारी लक्ष्य सेन, पीवी सिंधू और सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी-चिराग शेट्टी की जोड़ी पर है, लेकिन लक्ष्य और सिंधू को पहले दौर से ही कड़े प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना होगा।
पीवी सिंधू के नाम दो ओलंपिक पदक और विश्व चैंपियनशिप का खिताब है,लेकिन इस टूर्नामेंट के सेमीफाइनल से वह आगे नहीं बढ़ पाई हैं। सिंधू ने यहीं अगस्त माह में राष्ट्रमंडल खेलों का खिताब जीता था। यहीं उनकी चोट भी गहराई। बाद में उन्हें अपने टखने का ऑपरेशन भी कराना पड़ा।ऑपरेशन के बाद सिंधू लय में नहीं दिखी हैं।मलयेशिया और इंडिया ओपन के पहले ही दौर में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। यहां पहले दौर में उनके सामने चीन की झांग यी मान होंगी। जिनके सामने उनका रिकॉर्ड 1-1 का है। दूसरे दौर में उनके सामने चीन की ही हे बिंग जियाओ और क्वार्टर फाइनल में चीनी ताईपे की ताई जू यिंग से भिड़ंत संभावित है।
वहीं विश्व नंबर 12 लक्ष्य सेन भी चोटों से जूझने के बाद अपनी पिछले वर्ष की फॉर्म को हासिल नहीं कर पाए हैं। बीते सप्ताह जर्मन ओपन के पहले ही दौर में उन्हें विश्व नंबर 41 फ्रांस के क्रिस्टो पोपोव ने पराजित किया। यहां उनका पहले दौर में सामना चीनी ताईपे के पांचवीं वरीय चोउ तिएन चेन से है। भारतीय शटलरों में एचएस प्रणय फॉर्म में चल रहे हैं। उन्होंने एशियाई मिश्रित टीम चैंपियनशिप में मलयेशिया के ली जी जिया को पराजित किया। वह पहले दौर में चीनी ताईपे के वांग जू वेई से भिड़ेंगे। वहीं किदांबी श्रीकांत पहले दौर में फ्रांस के टोमा जूनियर पोपोव से खेलने जा रहे हैं।
सात्विकसाईराज का चोट के बाद यह पहला टूर्नामेंट होगा। इंडिया ओपन में उन्हें कूल्हे की चोट लग गई थी। पहले दौर में उन्हें इंडोनेशिया के फर्नाल्डी गिडिओन और केविन संजया से खेलना था, लेकिन इस जोड़ी ने टूर्नामेंट से नाम वापस ले लिया है। यह जोड़ी इस सत्र में मलयेशिया ओपन के सेमीफाइनल में पहुंच चुकी है। साइना नेहवाल चीन की हान यू से खेलेंगी, जबकि पिछले वर्ष अंतिम चार में पहुंचने वाली जोड़ी गायत्री गोपीचंद और त्रिशा जॉली को सातवीं वरीय थाईलैंड की जोड़ी जोंगोकोल्फान और राविंदा से खेलना है।