महिलाएं बैठी हड़ताल पर कांकेर शहर की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराई....
छत्तीसगढ़ के कांकेर में डोर- टू-डोर कचरा कलेक्शन का काम करने वाली महिला कर्मचारी शनिवार से सात दिवसीय हड़ताल पर चली गई हैं। उनके हड़ताल पर जाने से नगर समेत जिले के सभी नगर पंचायत में सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन भी ठप हो गया है। महिला कर्मचारी अपनी तीन सूत्रीय मांग लेकर हड़ताल पर हैं और प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने मांगें पूरी नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की शासन- प्रशासन को चेतावनी दी है।
नगर पंचायतों में काम कर रहीं 260 महिलाएं
मिशन क्लीन सिटी के जिलाध्यक्ष ग्वालिन बाई साहू ने बताया कि कांकेर नगर निकाय क्षेत्र समेत जिले के नगर पंचायतों में घर-घर से कचरा उठाने का काम करने के लिए 260 महिलाएं 2017 से काम कर रही है। नगर निकाय क्षेत्र कांकेर में तीन आरएमएम सेंटर में 60 महिलाएं काम कर रही है। मिशन क्लीन सिटी के तहत बेरोजगार महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए उनको स्वच्छता अभियान में जोड़ा गया। यहां पर उनको पांच हजार मासिक मानदेय पर काम पर नियुक्त किया गया है।
10 घंटे काम के मिलते हैं छह हजार रुपये
उन्होंने बताया कि, महिलाएं सुबह 7 बजे से घर-घर जाकर सूखा-गीला कचरा एकत्र कर उसे सेंटर पहुंचाती हैं। यहां पर कचरा को छांट कर गीला और सूखा कचरा अलग-अलग करते हैं। दिन भर काम करने के बाद शाम को 5 बजे वे घर पहुंचती हैं। करीब 10 घंटे काम के बदले में उनको प्रतिमाह पांच हजार वेतन दिया जा रहा था। प्रदेश में जब कांग्रेस की सरकार बनी तो 2019 में उन्होंने मानदेय में एक हजार का वृद्धि की, अब उनको छह हजार मानदेय मिल रहा है। इतनी महंगाई में इससे घर नहीं चलता है।
तीन सूत्रीय मांगों को लेकर आंदोलन
महिला सफाई कर्मचारियों ने मांग की है कि, उनको कलेक्टर दर पर वेतनमान दिया जाए। सप्ताह के रविवार को छुट्टी दी जाए और सभी कर्मचारियों का पीएफ राशि काटी जाए। स्वच्छता अभियान की महिलाएं जिला मुख्यालय में 15 से 17 तक तीन दिवसीय हड़ताल पर रहेंगी। इसके बाद वे लोग 18 से 21 तक चार दिन रायपुर में प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन में शामिल होंगी। एक सप्ताह तक वे हड़ताल पर रहेंगे। इससे शहर में फिर गंदगी का अंबार नजर आने लगा है। बारिश में गंदगी फैलने से महामारी का खतरा बना रहेगा।