आइब्रो बनवाने के लिए थ्रेडिंग, वैक्सिंग या प्लकिंग, क्या होता है सबसे बेहतर?
आइब्रो बनवाना कई बार बहुत मुश्किल काम होता है। यकीनन थ्रेड के जरिए अपनी आंखों के ऊपर के बाल निकलवाना आसान नहीं होता है।पर क्या करें खूबसूरती के लिए ये जरूरी भी लगता है और परफेक्ट शेप वाली आइब्रो आपके चेहरे को अलग ही लुक देती है।परफेक्टली ग्रूम्ड आइब्रो बनवाना तो सही है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यहां ये आ जाता है कि आखिर इन्हें शेव किया जाए, प्लकिंग की जाए, वैक्सिंग की जाए या फिर थ्रेडिंग की जाए।ये चारों तरीके आइब्रो ग्रूमिंग के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं और सभी के अपने अलग फायदे और नुकसान हैं।
आइब्रो वैक्सिंग
ये तरीका आजकल ज्यादा फेमस हो रहा है और कई हाई प्रोफाइल पार्लर इसे अपनाते हैं। इसमें एक साथ बहुत ज्यादा बड़ा एरिया कवर किया जा सकता है और अगर आइब्रो के साथ फोर हेड भी करवाना है तब तो आइब्रो वैक्सिंग मददगार साबित हो सकती है।
फायदे - इसका सबसे बड़ा फायदा ये है कि आइब्रो के बाल काफी धीमे आते हैं और इसका असर एक महीने से ज्यादा चल सकता है। ये उन महिलाओं के लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है जिनकी ग्रोथ काफी थिक है क्योंकि इससे धीरे-धीरे ग्रोथ भी कम होने लगती है। वैक्सिंग से काफी क्लीन लुक मिल सकता है और इससे छोटे से छोटे बाल भी निकल जाते हैं और टैनिंग भी खत्म हो सकती है इसलिए ये काफी क्लीन लुक देती है।
नुकसान - आइब्रो वैक्सिंग आपकी स्किन को इरिटेट कर सकती है। आंखों के आस-पास की स्किन काफी सेंसिटिव होती है और ऐसे में केमिकल्स को लगवाना ज्यादा ठीक नहीं लगता। इसी के साथ, इसमें अगर एक गलती हुई तो एक महीने से ज्यादा के लिए अनईवन आइब्रो मिल जाएगी। इसलिए इसे किसी एक्सपर्ट से ही करवाना चाहिए।
आइब्रो थ्रेडिंग
आइब्रो थ्रेडिंग शायद भारत में सबसे आम है और अधिकतर पार्लर में यही किया जाता है। इससे शेप की गई आइब्रो काफी परफेक्ट बनती हैं और थ्रेडिंग से स्किन उतनी इरिटेट नहीं होती जितनी वैक्सिंग से हो सकती है।
फायदे - ये काफी सस्ता है और इससे भी आइब्रो के बाल जल्दी नहीं आते हैं। आइब्रो का शेप इस तरीके से ज्यादा बेहतर आता है और गलती होने की संभावना काफी कम हो जाती है।
नुकसान - इसे बनने में 10-15 मिनट लगते हैं, लेकिन ये कई लोगों की स्किन को इरिटेट कर सकता है। अगर आपको दर्द झेलना पसंद नहीं है तो आप आइब्रो के लिए कोई और तरीका अपना सकती हैं। इस तरीके में शायद सबसे ज्यादा दर्द होता है।
आइब्रो प्लकिंग
किसी प्लकर या ट्वीजर से आप अपनी आइब्रो खुद भी सेट कर सकती हैं। प्लकिंग किसी और से भी करवा सकती हैं और इससे भी आइब्रो का शेप परफेक्ट हो सकता है।
फायदे - इसके लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है और इससे स्किन इरिटेशन भी नहीं होता है। ये आपको ज्यादा कंट्रोल देता है और इससे बालों की ग्रोथ भी बहुत जल्दी नहीं होती।
नुकसान - आइब्रो प्लकिंग काफी मेहनत का काम है और इसमें बहुत समय लगता है। अगर आपको इतना समय अपनी आइब्रो को शेप देने के लिए नहीं लगाना है तो आप इसे ना चुनें।
आइब्रो शेविंग
आइब्रो शेविंग सबसे क्विक तरीका है और ये सबसे कम दर्द भरा होता है।
फायदे - आइब्रो शेविंग करते समय आपको ज्यादा कंट्रोल मिलता है और ज्यादा बेहतर डिफाइन्ड आइब्रोज मिलती हैं। ये जल्दी हो जाता है और इसमें बिल्कुल भी दर्द नहीं होता।
नुकसान - इससे ग्रोथ काफी जल्दी हो जाती है और कई बार इसके कारण अनईवन हेयर ग्रोथ होती है। इसके अलावा, इससे रेजर बर्न होना या कट लगने की गुंजाइश भी रहती है।