रीवा की लखौरीबाग निवासी नूरजहां आंख के दर्द से परेशान थी। जलन इतनी की आंसू रुकने का नाम न लेते। लेकिन अपनी पीड़ा को दरकिनार कर परिवार का पेट भरने के लिए खुद को चूल्हे के आगे झोंकने को बेबस थी, धुएं का गुबार सहन करने को मजबूर थी। धीरे-धीरे दर्द बढ़ने लगा और आंखें खराब होने की कगार पर पहुंच गई। लेकिन अब उज्ज्वला योजना की वजह से परिवार के लिए खाना बनाते समय नूरजहां की आंखों में आंसू नहीं चेहरे पर मुस्कान तैरती है। 

उपरवाले ने जैसे सुन ली मन की मुराद जंगल में लकड़ी बीनने जाते तो कई बार पैरों में कांटे चुभ जाते थे। बारिश में खाना पकाना और मशक्कत का काम था क्योंकि सूखी लकड़ी मिलती नहीं थी और गीली लकड़ी से कोई कैसे खाना पकाए? रीवा के पुष्पराजनगर में रहने वाले तरूण का परिवार खाना पकाने के लिए चूल्हे और सिगड़ी पर निर्भर था। लेकिन अब सिगड़ी के कोयले से निकलने वाले धुएं की वजह से तरूण की पत्नी की तबियत खराब होने लगी थी। पत्नी की आंखें खराब होने का डर सताने लगा था। बारिश में चूल्हा जलाना और भी टेढ़ी खीर थी। आखिर गीली लकड़ियों से कैसे चूल्हा जलता और कैसे खाना पकता? गैस कनेक्शन खरीदने में असमर्थ थे तो जीवन यूं ही कट रहा था। फिर उज्ज्वला योजना में गैस कनेक्शन मिला तो लगा जैसे उपरवाले ने सुन ली।

डबल इंजन सरकार का प्रयास, एलपीजी हो हर महिला के पास एक दिन मेरी रसोई में भी नीली ज्योत होगी, एक दिन मैं भी परिवार को खाने के साथ मुस्कुराहट परोसूंगी... कभी रसोई में चूल्हे की आग पर रोटी पकाती करोड़ों महिलाओं की आंखों में न जाने कब से उम्मीदों का ये पानी ठहरा हुआ था। जबलपुर की मेहरूनिसा हों या बालाघाट की इमरती देवी, सतना की आरती चौहान हो या अलीराजपुर की राखी कुमारी, सबको उम्मीद थी कि एक दिन चूल्हे के धुएं से मुक्ति मिलेगी और केंद्र सरकार की उज्ज्वला योजना ने करोड़ों महिलाओं की इस उम्मीद को पूरा कर ही दिया। अप्रैल 2014 तक सक्रिय घरेलू एलपीजी उपभोक्ता 14.52 करोड़ थे जो कि मार्च 2023 तक 31.36 करोड़ हो चुके हैं। मध्य प्रदेश में भी डबल इंजन सरकार ने करोड़ों महिलाओं की रसोई तक एलपीजी पहुंचाया है। 30 जनवरी 2023 तक पीएमयूवाई के तहत जारी किए गए कनेक्शनों की कुल संख्या 9.58 करोड़ हो चुकी है।

मध्य प्रदेश में गैर उज्ज्वला वालों को भी 450 में एलपीजी

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई में राज्य की महिलाओं को उज्ज्वला का लाभ मिल रहा है। कुछ दिन पहले केंद्रीय कैबिनेट ने रसोई गैस में प्रति सिलेंडर 200 रुपये कम करने की घोषणा की थी। उसके बाद पूरे देश में महिलाओं ने प्रधानमंत्री के प्रति आभार जताया था। हाल ही में एक कार्यक्रम में सीएम शिवराज ने प्रदेश की महिलाओं के लिए केवल 450 रुपये में रसोई गैस उलब्ध कराने की बात कही है। अब केवल उज्ज्वला योजना वालों को ही नहीं गैर उज्ज्वला योजना वालों को भी हमेशा 450 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर मिलेगा। 


महिलाओं की सेहत सुधार में सहायक उज्ज्वला साल 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना ने गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली 37 मिलियन महिलाओं को स्वच्छ घरेलू ऊर्जा उपयोग करने का अवसर प्रदान किया है। भारतीय घरों में एलपीजी कवरेज में यह जबरदस्त वृद्धि महिलाओं को स्वच्छ खाना पकाने का ईंधन और रसोई को धुआं रहित बनाकर पर्यावरण के लिए लाभकारी विकल्प प्रदान करके उनके स्वास्थ्य में सुधार लाने में सहायक रही है।